डिप्रेशन से जूझ रहा व्यक्ति उदासी, चिड़चिड़ापन या निराशा महसूस करता है। इससे नींद, भूख या आपसी रिश्तों पर बुरा असर पड़ता है
1. मूडी या उदासी, 2. खुद के प्रति कठोरता, 3. ऊर्जा और कोशिश की कमी, 4. नींद और खानपान में बदलाव
अगर आपका बच्चा उदास, अकेला, अनिराशावादी या उसकी झुंझलाहट बढ़ती जा रही है, तो वो डिप्रेशन में हो सकता है।
1. कोग्निटिव बिहेवियरल थेरपी, 2. अपने बच्चे के साथ बात करना, 3. बच्चे का समर्थन/सहयोग, 4. धैर्यवान और दयालु बनना
कोग्निटिव बिहेवियरल थेरपी से बच्चे को मदद मिल सकती है, और वे अपनी भावनाओं को अच्छी तरह से साझा कर सकते हैं।
अपने बच्चे के साथ सही संवाद स्थापित करें, उसके भावनाओं को समझें और समर्थन प्रदान करें।
किसी डॉक्टर या थेरपिस्ट से मदद लेना शुरू करें, जो आपके बच्चे को सहायता प्रदान कर सकते हैं
परिवार और स्कूल का समर्थन भी बहुत महत्वपूर्ण होता है, इससे बच्चे को और भी सहायता मिल सकती है