सर्दी के दिनों में अक्सर लोग ठंड से बचने के लिए गर्म पेय पदार्थों का सहारा लेते हैं। इन गर्म पेय पदार्थों में कई ऐसी प्राकृतिक और लाभकारी चीज़ें भी हैं, जो व्यक्ति को ठंड से बचाने के साथ स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान कर सकती हैं। भारत में सर्दियों में जो पेय सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है, वह है चाय। अधिकतर भारतीय घरों में दिन में 2 से 3 बार चाय का आनंद लिया जाता है। चाय के हेल्दी ऑप्शन्स पर ध्यान दिया जाए, तो चाय आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। ऐसी ही एक चाय है नीली चाय। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
रेगुलर टी का ज्यादा सेवन हो सकता है खतरनाक
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट बतातीं हैं कि, चाय में प्राकृतिक रूप से कैफीन मौजूद होता हैं। यदि शरीर को ज्यादा मात्रा में कैफीन दिया जाता है, तो इससे एंग्जाइटी, स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। NCBI की रिपोर्ट बतातीं हैं कि, 240ML चाय में 10 से 61 मिलिग्राम तक कैफीन मौजूद होता है। साधारण दूध की चाय के मुकाबले ‘ब्लैक टी’ में कैफीन की मात्रा बहुत अधिक होती हैं। लेकिन प्रतिदिन अगर 200mg से ज्यादा कोई व्यक्ति इन दोनों ही रूपों की चाय पीता हैं, तो उसे बेचैनी, तनाव और स्ट्रेस जैसे कठिनाइयों से दो-चार होना पड़ सकता हैं।
इससे पेट में एसिड रिफलक्स और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉबलम्स बढ़ सकती हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक
अगर अब आप भी अपनी साधारण चाय को किसी हेल्दी और गर्म पेय से बदलना चाहते हैं, तो आप अपराजिता के फूल की चाय (जिसे साधारण भाषा में शंखपुष्पी टी या ब्लू टी भी कहते हैं) ट्राई कर सकती हैं। अपराजिता के फूल की चाय देखने में नीले रंग की होती हैं, इसलिए इसे ‘ब्लू टी’ (Blue Tea) कहा जाता हैं। वहीं, साधारण चाय के मुकाबले इसमें कई पोषक तत्व होते हैं।
क्या होती है ब्लू टी (Know What Is Blue Tea)?
अपराजिता (Aparajita) भारतीय उपमहाद्वीप में पैदा होने वाला एक पौधा होता है, जिसे इंग्लिश में ‘क्लिटोरिया टेरनेटिया’ (Clitoria ternatea) कहा जाता है। यह एक फूलों वाला पौधा है और इसके फूल नीले रंग के होते हैं। इस पौधे में निकलने वाले फूलों का उपयोग चाय (Tea) बनाने में भी किया जाता है। आमतौर पर जब इस पौधे के फूलों का उपयोग करके चाय बनाई जाती हैं, तो वो नीले रंग की हो जाती हैं इसलिए इसे ‘ब्लू टी'(Blue Tea) के नाम से जाना जाता हैं।
ब्लू टी के स्वास्थ्य लाभ पर क्या कहतीं हैं रिपोर्ट्स (Health Benefits Of Blue Tea)
अपराजिता के फूलों का उपयोग चाय बनाने में किया जाता है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इसमें आमतौर पर एंटीऑक्सीडेंट्स, फ्लावोनॉयड्स, और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, ब्लू टी में व्यक्ति को आंतरिक रूप से ठंडक पहुंचाने वाले गुण होते हैं, जिससे अत्यधिक गर्मी से निपटने में आसानी होती हैं।
वहीं , नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्लू टी से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में सहायता मिलती हैं। वहीं, साथ ही रिपोर्ट में बताया गया कि ब्लू टी के वासोरिलैक्सेशन गुणों के माध्यम से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जिससे व्यक्ति के शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ जाता हैं।
इसके साथ ही नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के द्वारा 23 से 25 वर्ष के 16 युवाओं के साथ अध्ययन किया गया, जिसमें सभी लोगों को हाई फैट और तेलयुक्त खाना दिया गया और उसके बाद उन्हें 1-2 कप ब्लू टी पिलाई गई। जिसके बाद निष्कर्ष में पता चला कि हाई फैट वाला आहार लेने के बाद भी ब्लू टी पीने के कारण फैटी सेल्स और ट्राइग्लिसराइड्स का संचय कम हो गया।
अपराजिता के फूल से बनने वाली चाय को ‘ब्लू टी’ कहा जाता है। चित्र-अडोबीस्टॉक
एक्सपर्ट्स भी मानते हैं नीली चाय को फायदेमंद
ब्लू टी को रेगुलर टी से रिप्लेस करने पर आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ.दीक्षा बतातीं हैं कि ब्लू टी सेहत को तमाम तरह के स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का काम करती है। साथ ही वे बतातीं हैं कि ब्लू टी में अंथोसाइनिन्स और फ्लावोनॉयड्स होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को भी कम करते हैं।
1 मेंटल हेल्थ अच्छी रहती है
डॉ. दिक्षा बतातीं हैं कि ब्लू टी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की टॉक्सिसिटी को दूर करती हैं, जिससे शारीरिक रूप से स्ट्रेस कम होता है। वहीं, ब्लू टी में कैफीन नहीं होता, जिसका कारण इसे पीने से नींद में कोई खलल नहीं पड़ता। वहीं, इसे पीने से व्यक्ति को अच्छी नींद आती है, जिसके कारण स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती हाँ।
2 पाचन के लिए भी लाभकारी
डॉ. दीक्षा के अनुसार, ब्लू टी पाचन के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। दरअसल, ब्लू टी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पाचन तंत्र में मौजूद किसी भी सूजन को शांत करने में मदद करते हैं। आमतौर पर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रणाली में पुरानी सूजन पाचन संबंधी समस्याओं में योगदान कर सकती है, और इसी सूजन को कम कर ब्लू टी पाचन में मदद करती है। साथ ही ब्लू टी इंटेस्टाइन में मौजूद एन्ज़ाइम्स को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। यह एन्जाइम्स व्यक्ति के डाइजेस्टिव हेल्थ में मदद करते हैं और पाचन को सुधारते है।
3 स्किन हेल्थ को अभी अच्छा रखती है ब्लू टी
ब्लू टी में कई ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जो व्यक्ति की स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। दरअसल, ब्लू टी में एंटीबैक्टेरियल गुण होते हैं, जो स्किन में किसी भी तरह के इन्फेक्शन्स को दूर करने में सहायक होते है। साथ ही इसमें एंटी-एजिंग गुण भी होते हैं, जो बढ़ती उम्र के प्रभावों को कम करने में सहायक होते है।
कैसे बना सकते हैं ‘ब्लू टी’ (Recipe Of Blue Tea) ?
ब्लू टी की रेसिपी बताते हुए डॉ. दीक्षा कहती हैं कि इसे बनाना बेहद आसान हैं। इसे बनाने के लिए 1 गिलास पानी लें और उसे मध्यम आंच पर उबालें। इसके बाद अब इसमें अपराजिता के फूल डालें। गैस की फ्लेम को मीडियम रखें और इसे लगभग 5 मिनट तक उबालें। इसके बाद चाय को छान लें। इसके बाद याद रखें कि ब्लू टी को मीठा करने के लिए इसमें कभी चीनी न मिलाएं। बल्कि इसमें शहद का प्रयोग करें और अधिक टेस्टी बनाने के लिए इसमें आप नींबू का रस भी मिला सकती हैं।
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