दुनिया भर के मुकाबले भारत में अभी तक बेहद ही धीमी गति वाला इंटरनेट है. चीन जैसे विकसित देशों में इंटरनेट की स्पीड 1 TB प्रति सेकंड तक पहुंच गई है. भारत में वर्तमान में 5G इन्टरनेट का विस्तार हो रहा है. हालांकि भारत में हाई स्पीड इंटरनेट चलाने के लिए केबल वाला फाइबर कनेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन यह फाइबर कनेक्शन एक सीमित क्षेत्र में उपलब्ध किया जा रहा है. Fiber कनेक्शन सिर्फ शहरी क्षेत्र में ही उपलब्ध है. ऐसे में अब भारत में एक नई टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है, जिसके माध्यम से भारत के कोने कोने में बिना किसी तार की मदद से हाई स्पीड इंटरनेट पहुंचायां जा सकेगा.
भारत में शुरू होगी satellite internet सर्विसेज
भारत में जल्द ही “Satellite internet” शुरू होने जा रही है. आप सबके दिमाग में यह सवाल जरूर होगा कि सैटलाइट इंटरनेट क्या है? वर्तमान में आपके पास इंटरनेट दो तरीके से पहुंच रहा है, पहला मोबाइल टावर की मदद से, दूसरा केबल वाले फाइबर कनेक्शन की मदद से. लेकिन अब आप सिर्फ सीधे सैटलाइट की मदद से इन्टरनेट का इस्तेमाल कर पाएंगे. इसे हम एक उदाहरण के रूप में समझते हैं:- जिस तरह से आपके टीवी में एक डिश डिवाइस और छतरी की मदद से सैटलाइट से टीवी चैनल को पहुंचायां जाता है, उसी तरह टेलिकॉम कम्पनियों द्वारा पृथ्वी के ऑर्बिट में एक सैटेलाइट स्थापित किया जाएगा, जो सीधे वायरलेस तरीके से इंटरनेट पहचाने का काम करेगा.
एयरटेल-जियो कर रही है तैयारी
भारत में Airtel और JIO ऐसी टेलीकॉम कंपनियां है, जो सबसे पहले सैटलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू कर सकती है. भारत में सैटलाइट इंटरनेट शुरू करने के लिए कंपनियों को भारत सरकार द्वारा लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है. ऐसे में एयरटेल और जिओ को सैटलाइट इंटरनेट के लिए भारत सरकार द्वारा मंजूरी मिल चुकी है. हालांकि मुकेश अंबानी की कंपनी जिओ ने अपना JioSpace Fiber लॉन्च कर दिया है, जो की सैटलाइट इंटरनेट पहुंचने का काम करेगा.
satellite internet सर्विसेज रेस में एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक और अमेजन
भारत में एयरटेल और जिओ के अलावा दो ऐसी कंपनियां है, जिन्होंने भारत में सैटेलाइट सर्विस शुरू करने के लिए दूर संचार विभाग से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन किया है. अगर भारत सरकार इन दोनों कंपनियों को लाइसेंस प्राप्त होता है तो AIRTEL और JIO कंपनी के लिए काफी मुश्किलें बढ़ सकती है. भारत में एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक और अमेजॉन ने सैटलाइट इंटरनेट सर्विसेज देने के लिए आवेदन किया है.
GMPCS लाइसेंस की होती है जरूरत!
किसी भी कंपनी को अगर भारत में सैटलाइट इंटरनेट शुरू करना होता है, तो सबसे पहले कंपनी को ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटलाइट सर्विसेज (GMPCS) का लाइसेंस लेना होता है. यह लाइसेंस भारतीय टेलीकॉम कंपनी एयरटेल और जिओ को प्राप्त हो चुका है. ऐसे में अगर एलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत सरकार द्वारा यह लाइसेंस मिलता है, तो भारत में सैटेलाइट पहुंचने वाली यह तीसरी कंपनी बन जाएगी.
दूर-दराज के इलाकों में मिलेगा तेज satellite internet
सैटलाइट इंटरनेट की मदद से देश के दूर दराज इलाकों में तेज इंटरनेट पहुंचाया जाएगा. हालांकि यह सुविधा भारत में उपलब्ध नहीं हुई है, लेकिन कई ऐसे देश है जो सैटेलाइट इंटरनेट की सेवाएं देते हैं. एलॉन मस्क की कंपनी स्टारलिंक कई देशों में सैटलाइट इंटरनेट दे रही है. स्टारलिंक एक किट उपलब्ध करवाती है, जिसमें राउटर, पावर सप्लाई, केबल और माउंटिंग ट्राइपॉड दिया जाता है.