ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर ‘डार्क पैटर्न’ के खिलाफ सरकारी कदम
रक्षा और नियामकन के उद्देश्य से, सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर “डार्क पैटर्न” का प्रतिबंध लगाया है, जो ग्राहकों को धोखा देने या उनकी पसंद में हेरफेर करने का इरादा रखते हैं।
इस नए कदम के अनुसार, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) द्वारा जारी गजट अधिसूचना ने 30 नवंबर को डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशानिर्देश जारी किया। यह निर्देश सभी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म्स को लागू है, सहित विज्ञापनदाताओं और विक्रेताओं से जुड़े हुए।
डार्क पैटर्न के अनुसरण से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाया गया है। यह अनुचित व्यापार व्यवहार और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन को रोकने का प्रयास है, जिसमें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का पालन किया जाएगा।
डार्क पैटर्न का अर्थ और प्रभाव
जब यूजर इंटरफेस या उपभोक्ता अनुभव में अनुचित या भ्रामक डिज़ाइन पैटर्न का इस्तेमाल किया जाता है ताकि वे धोखा खाएं या उनके व्यक्तिगत विकल्पों में हेरफेर किया जाए, तो उसे ‘डार्क पैटर्न’ कहा जाता है। सीसीपीए ने इसे बहुत ही गंभीरता से लिया है और 13 ऐसे पैटर्न्स की पहचान की है, जो उपभोक्ताओं को गुमराह करने या धोखा देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
कैसे करें बचाव?
इस प्रतिबंध ने स्पष्ट किया है कि ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को उपभोक्ताओं की सुरक्षा और संरक्षण में और भी सक्रिय रूप से शामिल होना होगा। इससे उपभोक्ताओं को अधिक सुरक्षित और सुरक्षित अनुभव मिलेगा, जिससे उन्हें सही और समझदार खरीदारी करने में मदद मिलेगी।